PACL Case: 17001 से 19,000 रुपये तक रिफंड लेने के लिए इस तारीख तक जमा करें डॉक्यूमेंट्स, SEBI का नया आदेश
PACL Case: सेबी ने पीएसीएल समूह (PACL Group) की अवैध योजनाओं के कुछ निवेशकों से ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स जमा करने को कहा है.
(Image- Pixabay)
(Image- Pixabay)
PACL Case: अगर आपने पीएसीएल (PACL) इंडिया लिमिटेड में निवेश किया हुआ है तो आपके लिए अच्छी खबर है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने पीएसीएल समूह (PACL Group) की अवैध योजनाओं के कुछ निवेशकों से ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स जमा करने को कहा है. समिति ने करीब 19,000 रुपये तक के दावे वाले निवेशकों से कहा है कि वे अपना पैसा वापस पाने के लिए 31 अक्टूबर तक दस्तावेज पेश करें. समिति ने सिर्फ उन्हीं निवेशकों को अपने ओरिजिनल सर्टिफिकेट जमा करने के लिए कहा है, जिनके आवेदन सफलतापूर्वक वेरिफाई हो चुके हैं.
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए संपत्तियों के निपटान की प्रक्रिया की निगरानी कर रही है. समिति ने अलग-अलग चरणों में फंड वापसी की प्रक्रिया शुरू की है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2016 में सेबी ने समिति का गठन किया था.
ये भी पढ़ें- केले की खेती से लाखों की कमाई, जानिए बेहतरीन किस्में
17,001 से 19,000 रुपये तक क्लेम
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
सेबी की वेबसाइट पर सोमवार को प्रकाशित एक सूचना के अनुसार, समिति ने 17,001 रुपये से 19,000 रुपये के बीच के दावे वाले पात्र निवेशकों से ओरिजिनल पीएसीएल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मांगा है. पात्र निवेशक उन्हें माना गया है, जिनके आवेदन सफलतापूर्वक सत्यापित हो चुके हैं. सभी पात्र निवेशकों को इस संबंध में एसएमएस से सूचना भेजी जाएगी.
1 से 31 अक्टूबर तक मौका
बयान में कहा गया है कि ओरिजिनल सर्टिफिकेट स्वीकार करने की सुविधा 1 अक्टूबर, 2023 से 31 अक्टूबर, 2023 तक खुली रहेगी. पीएसीएल को पर्ल्स ग्रुप (Pearls Group) के नाम से भी जाना जाता है.
क्या है पूरा मामला?
चर्चित पर्ल ग्रुप (PACL) ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर रिटेल इन्वेस्टर्स से बड़ी राशि जुटाई थी. SEBI के मुताबिक, इस कंपनी ने 18 साल के अंदर निवेशकों से करीब 60,000 करोड़ रुपए गैरकानूनी ढंग से जुटाए थे. पर्ल्स ने निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए उन्हें आकर्षक ब्याज दर की पेशकश की, जबकि एजेंट को तगड़ा कमीशन दिया. ऐसे में ब्याज और कमीशन के लालच में बड़ी संख्या में लोगों ने अपना पैसा लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद SEBI ने एक्शन लेते हुए अब निवेशकों को रिफंड दिला रही है.
ये भी पढ़ें- सर्दियों में कमाई कराएगी ये फसल, अभी कर लें बुवाई
06:50 PM IST